तथ्य:40 करोड़ भारतीय सूर्यास्त के बाद अंधेरे में रहते हैं।
तथ्य:अनेक गांवों ने आज तक बिजली का अनुभव भी नहीं किया है, और यही उनका जीवन है।
शिक्षा को हानि पहुँचती है, चूंकि बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं। मिट्टी के तेल के दीपकों से आग लगने का, घायल होने का तथा मृत्यु तक का जोखिम रहता है। जीवन शैली प्रभावित होती है क्योंकि अधिकांश कार्य सूर्यास्त से पहले समाप्त करना होता है तथा गांवों का जीवन संचार एवं समाचारों के अभाव में 19वीं शताब्दी में ही बीतता है (रेडियो वगैरह तो होते नहीं हैं)। साथ ही, यह महंगा भी पड़ता है, क्योंकि 10-20% आया तो उस मिट्टी के तेल में ही लग जाती है, जो दीपकों को जलाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
साथ मिल कर, चलिये इसे बदल डालें और सुदूर महाराष्ट्र में एक गाँव को प्रकाशित करें।
हम ग्रामीण भारत के सुदूर गांवों में पूर् परीक्षत, सौर शक्त उपायों का विचार कर रहे हैं।
अभी तो, जिन परिवारों को विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति उपलब्ध नहीं है, वे सूर्यास्त के उपरांत मिट्टी के तेल के दीपकों अथवा मोमबत्तयों परर् करते हैं। प्रकाश के ये स्त्रोत, खतरनाक हैं, निम्नस्तरीय प्रकाश उत्सर्जित करते हैं तथा बार बा लाग्ने वाली लागत के कारण महंग भी पड़ते हैं।
(इन उपकरणों के लिए प्रत्येक घर को 100 रुपये देने होते हैं। हम यह सुनिश्चत करते हैं कि वे यह छोटा सा ख़र् अवश्य करें ताकि वे इन उपकरणों को बनाए रखें और इनकी देखभाल करें, और इन्हें मात्र मूल्यरहित दान न समझें। कुल लागत ₹ 810 )
घरों में लगाए जा सकने वाले सौर लैम्प के मॉडेल, तत्कालीन लागत के साथ। अधिकतम विक्रय मूल्य रुपयों में ।
छवि d.light SOLAR के सौजन्य से
मॉडेल A1 – 325 रुपये मॉडेल S 2 – 495 रुपये मॉडेल S 20 – 699 रुपये
उत्पाद d.light से प्राप्त होगा जो कि सौरशक्ति उपायों के क्षेत्र में विद्युत-रहित घरों के लिए उपाय सुझाने में वैश्विक लीडर हैं।
सिंदूरी महाराष्ट्र का एक गाँव है, जो गुजरात तथा मध्य प्रदेश की सीमाओं के निकट है। इस गाँव में बिजली नहीं है; यह माहारसहतर के सुदूर उतारी भाग में नंदुरबार नामक ज़िले में स्थित है तथा यह राज्य की न्यूनतम शिक्षा दरों वाले स्थानों में से एक है। इस गाँव में प्रकाश लाने से लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आयेगा।
गाँव का नाम: सिंदूरी,महाराष्ट्र
परिवारों की अनुमानित संख्या: 233
कुल प्रकाश की आवश्यकता: घरों के लिए 466
प्रकाश की लागत 810 रुपये है जिसमें से 100 रुपयों का अंशदान प्रत्येक परिवार करेगा। आपको 710 रुपयों का लागत अंशदान करेंगे।
प्रभावित जनसंख्या: अनुमानित 1297
क्राउडफ़ंडिंग के लिए लागत: 233 घर * 710 रुपये = 166,000रुपये
परियोजना की कुल लागत 1.66 लाख रुपये है।
(इसके अतिरिक्त 23,300 रुपये गाँव के 233 घरों से, एन जी ओ द्वारा सौर उपकरणों की देखभाल करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए एकत्रित किए जाएँगे।)
मिट्टी के तेल के दीपक के स्थान पर d. light उत्पाद से, लाभार्थी अपेक्षा कर सकता है:
प्रत्येक घर को उपर्युक्त 3 मॉडेल्स का संयोजन दिया जाता है।
वे 2 उपलब्ध पैकेजों में से चयन कर सकते हैं।
इस क्षेत्र के एक प्रतिनिधि गाँव की छवि:
(निम्न छवियां प्रतिनिधि छवियां हैं। वास्तविक छवियाँ शीघ्र लगाई जाएंगी। यह छवियाँ सिंदूरी के निकट स्थित गाँव की हैं।)
छवि: सिंदूरी गाँव में पहाड़ी पर घर।
छवि: बिजली रहित सिंदूरी के आम घर।
सूर्योदय परिवार इंदौर स्थित एन जी ओ है। हम एक गैर लाभकारी संगठन हैं, जिसके अध्यक्ष सद्गुरु श्री भैय्युजी महाराज हैं। हमरे ट्रस्ट का मूल फ़ोकस महाराष्ट्र, गुजरात तथा मध्य प्रदेश के वंचितों एवं कृषक समुदायों का उत्थान के लिए सहयोग एवं कार्य निष्पादित करने का है।
d. light SOLAR: उनके सस्ते, अभिनव सौर ऊर्जा समाधान समस्त विश्व में लोग कैसे ऊर्जा का उपयोग एवं उसके लिए भुगतान कर रहे हैं, उसकी विधियों को बदल रहे हैं। वे एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर रहे हैं, जहां पर प्रत्येक व्यक्ति, विश्वसनीय, सस्ती तथा स्वच्छ सौर ऊर्जा से प्राप्त स्वतन्त्रता तथा बेहतर गुणों वाली जीवनशैली के कारण सक्षम हो सकता है। वे अब तक 62 विकासशील राष्ट्रों के 6.5 करोड़ लोगों के जीवन को प्रभावित कर चुके हैं। उंक उद्देश्य 2020 तक 10 करोड़ लोगों तक पहुँचने का है।
# निष्पाद जोखिम: कुछ परिवार वित्तीय बाधाओं के कारण 100 रुपये न दे पाएँ। हम वहीं पर यह निरय करेंगे कि क्या इसके बावजूद उन लोगों को लैम्प उपलब्ध कराये जाएँ।
# हालांकि अभी तो परिवारों की संख्या 233 है परंतु जब हम सौर उपकरणों का वास्तविक वितरण करने जाएँगे तब यह संख्या बदल सकती है।
# इन उपकरणों की 1 (मॉडेल A1) तथा 2 (मॉडेल S2 & S20) वर्षों की वारंटी होती है। अनुभव एवं ऑनलाइन उपलब्ध साहित्य के आधार पर हमने 3 से 5 वर्षों के जीवन की सूचना दी है जो कि उनके अफ़्रीका के निष्पादन अनुभव पर आधारित है। वास्तविकता में इन उपकरणों का जीवन काल उनके उपयोग पर निरर करता है। इन उपकरणों में सौर ऊर्जा के संरक्षण के लिए अंतर्निहित बैटरियाँ होती हैं, तथा यदि वे काम नहीं करेंगी तब उनकी मरम्मत नहीं की जा सकती है – वारंटी काल में पूरा उपकरण बदल दिया जाएगा।
सिंदूरी गाँव के संबंध में अन्य जानकारी
ब्लॉक/तहसील: अकालुवा
ज़िला: नंदुरबार
राज्य: महाराष्ट्र
2011 की जनगणना के अनुसार सिंदूरी गाँव का स्थान कोड या ग्राम कोड 525005 है। सिंदूरी गाँव, महाराष्ट्र राज्य के नदुरबार ज़िले की अकालुवा तहसील में स्थत है। यह अकालुवा तहसील मुख्यालय से 110 किलो मीटर तथा नंदुरबार ज़िला मुख्यालय से 150 किलो मीटर दूर स्थत है। 2009 की गणना के अनुसार सिंदूरी गाँव ग्राम पंचायत है।
गाँव का भौगोलिक क्षेत्रफल 1175.04 हेक्टेयर है। सिंदूरी की कुल जनसंख्या 1297 है। अनुमानतः सिंदूरी में 233 परिवार रहते हैं। राजपिपला (गुजरात) सिंदूरी के निकटस्थ नगर है, जो कि लगभग 55 किलोमेटर दूर है।
सिंदूरी – ग्राम परिप्रेक्ष्य | |
ग्राम पंचायत | सिंदूरी |
ब्लॉक/ तहसील | अकालकुवा |
ज़िला | नंदूरबार |
राज्य | महाराष्ट्र |
पिनकोड | लागू नहीं |
क्षेत्रफल | 1175.04 हेक्टेयर |
जनसंख्या | 1,297 |
परिवार | 233 |
निकटतम नगर | राजपिपला (गुजरात) (55 किलोमीटर) |
The Solar lamps were distributed to the delight of the villagers of SINDURI. Below are images of the distribution of lamps by the NGO Suryodaya.
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